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आदिवासी की सांसें गिरवी, साहूकार की मांगें अनंत! ब्याज की बेड़ियों में जकड़ा शिवकुमार, साहूकारी दरियादिली की हदें लांघता गया

Nilesh Yadav

01-07-2025 11:45 AM

खैरागढ़। बस्तर से सरगुजा तक की धरती पर मेहनतकश आदिवासी किसान अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं मगर जब इन्हीं जड़ों को कर्ज की आग झुलसाने लगे तब हालात इंसान को गांव छोड़ने पर मजबूर कर देते हैं। कुछ ऐसी ही मार्मिक कहानी सामने आई है खैरागढ़ जिले के सुराडबरी गांव के आदिवासी किसान शिवकुमार धुर्वे की,l जिसने अपना घर-खेत बचाने के लिए साहूकार की दहलीज पर सिर झुकाया था पर आज वही कर्ज उसे गालियों धमकियों और अपमान की आग में झोंक रहा है। शिवकुमार धुर्वे ने अपने साथ हो रहे अत्याचार और मानसिक उत्पीड़न को लेकर जिले के पुलिस अधीक्षक को गुहार लगाई है। उनके अनुसार दो साल पहले कृषि कार्य के लिए गंडई निवासी अशोक छबिलानी से 25 हजार रुपये उधार लिए थे जिसे वह समय-समय पर ब्याज समेत चुका चुके हैं। मगर कहते हैं लालच की कोई सीमा नहीं होती—आज अशोक छबिलानी उनसे ढाई लाख रुपये की अवैध मांग कर रहा है। पीड़ित किसान ने आरोप लगाया है कि अशोक छबिलानी न सिर्फ उन्हें जान से मारने की धमकी देता है बल्कि बार-बार जातिगत अपमान और अश्लील गालियों के जरिये उनका मानसिक शोषण करता है। हालात इतने बिगड़ गए कि शिवकुमार के अनुसार छबिलानी ने बीच रास्ते से उनकी मोटरसाइकिल और टीवीएस लूना जबरन छीन ली जो आज तक वापस नहीं की गई। धुर्वे परिवार का दर्द यहीं खत्म नहीं होता—उन्होंने बताया कि उनके घर का ताला भी कई बार जबरन लगाकर उन्हें बेइज्जत किया गया। एक किसान के लिए खेत और घर ही उसकी दुनिया है और जब वही छिनने लगे तो जीने की उम्मीद भी बुझने लगती है। आज शिवकुमार का पूरा परिवार इस कदर दहशत में है कि गांव छोड़कर कहीं और बसने का मन बना चुका है। हम गरीब आदिवासी लोग हैं साहूकार के खिलाफ लड़ने की हिम्मत नहीं है इसलिए पुलिस अधीक्षक महोदय से न्याय की भीख मांग रहे हैं पीड़ित की आवाज़ में यह दर्द साफ झलकता है। इस मार्मिक घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कर्ज और ब्याज की बेड़ियों में फंसे गरीब आदिवासी किसानों के लिए इंसाफ की राह कितनी लंबी और मुश्किल होती है। शिवकुमार ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि समय रहते सख्त कार्रवाई हो, ताकि उसका परिवार डर और बेइज्जती की आग से निकलकर फिर से चैन की नींद सो सके।


 इस विषय में जब अशोक छबीलानी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वास्तव में पीड़ित ने उनसे रकम ली थी, और उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।

Nilesh Yadav

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