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खैरागढ़ में पोषण योजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा: अफसर-कर्मचारी की सेटिंग से शासन को चूना, मासूमों के निवाले पर डाका


Nilesh Yadav
10-04-2025 08:24 PM
खैरागढ़। महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजना "गर्म पोषण आहार" में खैरागढ़ क्षेत्र में भारी भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता उमेश्वर वर्मा की जनहित में लगाई गई जानकारी के बाद जो दस्तावेज सामने आए हैं, वे विभागीय मिलीभगत और संगठित घोटाले की पोल खोलते हैं।
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ठेलकाडीह सेक्टर अंतर्गत सिंगारपुर आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 2 में मई 2023 में दर्ज बच्चों की संख्या 28 थी, जबकि रिपोर्ट में 1398 "पोषण दिवस" दर्शा कर 6291 रुपए का भुगतान समूह के खाते में कर दिया गया। यानी एक दिन में औसतन 56 बच्चों को भोजन कराने का फर्जीवाड़ा दिखाया गया। सवाल यह उठता है कि जब केवल 28 बच्चे ही पंजीकृत हैं, तो शेष 28 बच्चों की गिनती कहां से आई?
फर्जी आंकड़ों का फैला मकड़जाल
अप्रैल 2023 में आंगनबाड़ी में अचानक 43 बच्चों के दर्ज होने का दावा कर विभाग ने प्रतिदिन औसतन 63 बच्चों को भोजन कराने की रिपोर्ट पेश कर दी। जबकि वास्तविक आंकड़े 25 बच्चों से कभी ऊपर नहीं गए। इससे स्पष्ट है कि विभागीय अफसरों, सुपरवाइजरों और कार्यकर्ताओं की मिलीभगत से शासकीय कोष को योजनाबद्ध तरीके से चूना लगाया गया है। विचारपुर केन्द्र क्रमांक 2 में तो भ्रष्टाचार और भी बेहिसाब है। जहां पंजीकृत बच्चे केवल 20 हैं, वहां मई में 64, अप्रैल में 62, मार्च में 49 और जनवरी में 41 बच्चों को भोजन कराने का आंकड़ा गढ़ा गया। लाखों की राशि ठेकेदार समूह के खाते में डाल दी गई।
दस्तावेजों में सुपरवाइजरों की संलिप्तता
गर्म भोजन योजना के तहत मिलने वाले भुगतान की गोस्वारी सुपरवाइजर की जिम्मेदारी होती है। लेकिन आरटीआई दस्तावेजों से स्पष्ट है कि सुपरवाइजर समूहों के साथ सेटिंग कर फर्जी उपस्थिति, फर्जी भोजन दिवस और फर्जी बच्चे दर्ज कर सरकारी धन की बंदरबांट में सक्रिय रूप से शामिल हैं। समूहों को अधिक भुगतान करवा कर सुपरवाइजर अपनी हिस्सेदारी भी वसूलते हैं।
सिर्फ दो नहीं, दर्जनों केन्द्रों में भ्रष्टाचार
यह घोटाला केवल सिंगारपुर और विचारपुर तक सीमित नहीं है। चारभाठ, मरकामटोला, तुलसीपुर, महरूमकला, छेछानपहरी, गोपालखुर्द, ठेलकाडीह, तिलाईभाठ, पचपेड़ी सहित अन्य कई केन्द्रों में भी फर्जी रिपोर्ट बनाकर शासन को नुकसान पहुंचाया गया है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
अब तक इतने बड़े स्तर पर हुए घोटाले पर जिला प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। एक ओर शासन बच्चों के पोषण और महिला सशक्तिकरण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, वहीं दूसरी ओर सिस्टम के जिम्मेदार लोग इन्हीं योजनाओं को चाट रहे हैं। जिला परियोजना अधिकारी प्रीत राम खुंटेल का कहना है, "शिकायत मिलने पर विभागीय जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।" लेकिन यह बयान भी अब "रटी-रटाई औपचारिकता" से अधिक कुछ नहीं लगता।
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