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सब्जी बेचने वाला पार्षद:13 की उम्र से परिवार का सहारा, आज वार्ड का भरोसा, ईमानदारी और ज़मीन से जुड़ेपन की मिसाल

Khairagarh

सब्जी बेचने वाला पार्षद:13 की उम्र से परिवार का सहारा, आज वार्ड का भरोसा, ईमानदारी और ज़मीन से जुड़ेपन की मिसाल

Nilesh Yadav

05-05-2025 11:25 AM

खैरागढ़ : राजनीति के रंग में अक्सर लोग अपनी असल पहचान खो बैठते हैं, लेकिन खैरागढ़ नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 3 से निर्वाचित पार्षद दिलीप राजपूत ने यह साबित कर दिया है कि पद और पहचान से बड़ी होती है ईमानदारी और अपने मूल से जुड़े रहने की जिद।

मोंगरा निवासी दिलीप राजपूत न सिर्फ सब्जी बेचते हुए पार्षद का चुनाव लड़े, बल्कि जीत हासिल कर जनता का विश्वास भी जीता। आज भी वे इतवारी बाजार की सब्जी मंडी में रोज़ अपनी दुकान लगाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे पिछले 26 वर्षों से लगाते आ रहे हैं।

13 की उम्र से परिवार का सहारा, आज वार्ड का भरोसा

दिलीप राजपूत की ज़िंदगी संघर्ष और सादगी का मेल है। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता स्व. बजरंग राजपूत के साथ गोलबाजार में सब्जी बेचना शुरू कर दिया था। पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उन्हें जल्दी ही परिपक्व बना दिया। लगातार 26 वर्षों तक सब्जी बेचने के अनुभव और समाज से सीधे जुड़ाव ने उन्हें आमजन के दर्द को समझने वाला जनप्रतिनिधि बना दिया।

पद नहीं बना गुरूर का कारण, काम ही है असली पहचान

पार्षद बनने के बाद अधिकांश लोग आराम और दिखावे की ओर मुड़ जाते हैं, लेकिन दिलीप राजपूत अब भी वही सब्जी विक्रेता हैं जो सुबह-सुबह बाजार पहुंचकर ताजे सब्जियों के ढेर सजाते हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि पार्षद बन जाने के बाद भी सब्जी क्यों बेचते हैं, तो वे बड़ी सादगी से कहते हैं—

"राजनीतिक पद स्थायी नहीं होता। यह सेवा का अवसर है, न कि शान दिखाने का जरिया। परिवार का पालन-पोषण मेरे व्यवसाय से चलता है और यह मेरे जीवन का हिस्सा है। मैं इसे कभी नहीं छोड़ सकता।"

वार्डवासियों की सेवा ही सर्वोच्च प्राथमिकता

दिलीप राजपूत ने अपने वार्ड की समस्याओं को गंभीरता से लिया है। वे नियमित रूप से नालियों की सफाई, सड़क मरम्मत, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी जरूरतों के समाधान के लिए नगरपालिका में सक्रिय रहते हैं। उनका मानना है कि जनप्रतिनिधि का सबसे बड़ा दायित्व जनता की सेवा करना है, न कि कुर्सी पर बैठकर अधिकार जताना।

कोई काम नहीं छोटा—यही है असली प्रेरणा

राजपूत का जीवन संदेश देता है कि मेहनत और ईमानदारी से बड़ा कोई सम्मान नहीं होता। उन्होंने यह साबित किया कि चाहे आप पार्षद हों या सब्जी विक्रेता, अगर नीयत साफ है और दिल में सेवा का जज़्बा है तो हर काम बड़ा होता है।


Nilesh Yadav

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