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नई प्रशासनिक टीम को मिली जिले की कमान: पूर्व कलेक्टर और एसपी के कार्यकाल की रहेगी यादें, जनता को नई उम्मीदें


Nilesh Yadav
21-04-2025 12:32 PM
खैरागढ़ – जिले में प्रशासनिक मोर्चे पर बड़ा फेरबदल हुआ है। कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा और पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल का तबादला कर दिया गया है। अब जिले की कमान दो नए अधिकारियों – कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चन्द्रवाल और एसपी लक्ष्य शर्मा को सौंपी गई है। यह बदलाव सिर्फ पदों का स्थानांतरण नहीं, बल्कि जिले की विकास यात्रा और कानून-व्यवस्था की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।
कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा : सीमित कार्यकाल, प्रभावशाली प्रशासन
हालांकि चंद्रकांत वर्मा का कार्यकाल अपेक्षाकृत अल्पकालिक रहा, लेकिन उन्होंने अपनी कार्यशैली और जनहित के लिए किए गए प्रयासों से नागरिकों पर गहरी छाप छोड़ी। उनके नेतृत्व में प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान के अंतर्गत छुईखदान ब्लॉक के दूरदराज अंचलों में निरंतर शिविर आयोजित कर अत्यंत पिछड़ी बैगा जनजातियों तक शासन की योजनाएं पहुंचाई गईं। विशेष रूप से साल्हेवारा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की उनकी पहल को जनता ने सराहा।
अल्प संसाधनों के बावजूद जिला कार्यालय का संचालन प्रभावशाली रहा। विभागीय समन्वय और अनुशासन में उन्होंने एक कसावट लाई जिससे छोटे से जिले को एक व्यवस्थित प्रशासनिक ढांचा प्राप्त हुआ। जनदर्शन, समय-सीमा पत्र, और जनशिकायतों के त्वरित निराकरण की वजह से प्रशासन के प्रति जनता का विश्वास मजबूत हुआ।
हालांकि, उनके व्यवहार और कार्यशैली को लेकर कुछ आलोचनाएं भी हुईं—खासकर जब उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों के विरुद्ध सख्ती दिखाई। लेकिन अंततः यह सख्ती प्रशासनिक जवाबदेही की दिशा में एक सशक्त संदेश के रूप में देखी गई।
एसपी त्रिलोक बंसल : अपराध के खिलाफ सख्त कार्यवाही की पहचान
पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल का कार्यकाल भी कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उल्लेखनीय रहा। नकली शराब के गिरोह, गौ-तस्करी के नेटवर्क और संगीन अपराधों के खिलाफ उनके द्वारा की गई सख्त कार्रवाइयों ने जिले में अपराधियों के लिए भय का माहौल पैदा किया। मुढ़ीपार के सनडोंगरी और बाजार अतरिया क्षेत्र में नकली शराब निर्माण के बड़े अड्डों को ध्वस्त कर उन्होंने अपराध की जड़ पर प्रहार किया।
इसके अलावा अंतरराज्यीय गौ-तस्करों के गिरोह पर की गई कार्रवाई, हत्या जैसे जघन्य अपराधों में त्वरित गिरफ्तारी और अभियोजन की दिशा में उनके प्रयास, आने वाले पुलिस अधिकारियों के लिए एक मानक की तरह देखे जाएंगे। देवारीभोट हत्याकांड को छोड़कर लगभग सभी जघन्य अपराधों का समाधान उनके नेतृत्व में समय पर किया गया, जिससे पुलिस की कार्यकुशलता में जनता की आस्था बढ़ी।
नई टीम से नई उम्मीदें
अब जिले के प्रशासनिक नेतृत्व में इंद्रजीत सिंह चन्द्रवाल और लक्ष्य शर्मा की जोड़ी आई है। इंद्रजीत सिंह एक कुशल प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं, जिनकी नीतिगत समझ और प्रशासनिक अनुभव से जिले को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। वहीं लक्ष्य शर्मा, जो मणिपुर कैडर से 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, अब छत्तीसगढ़ कैडर में आकर जिले के एसपी की जिम्मेदारी संभालेंगे। तेज-तर्रार और निर्णयक्षम अधिकारी माने जाने वाले शर्मा से अपेक्षा है कि वे कानून-व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएंगे।
जनता की निगाहें अब भविष्य की ओर
जिले की जनता अब इस नई प्रशासनिक टीम से अपेक्षा कर रही है कि वे पूर्व अधिकारियों की अच्छी परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए, नए प्रयोग और नवाचारों के साथ विकास को गति देंगे। ग्रामीण अंचलों तक योजनाओं की पहुंच, प्रशासन की पारदर्शिता, और अपराध नियंत्रण में नई कार्यशैली अपनाई जाएगी—इस विश्वास के साथ अब सभी की निगाहें आने वाले समय की ओर टिकी हैं।
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