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ओबीसी महासभा केसीजी ने सौंपा 23 सूत्रीय ज्ञापन, सामाजिक न्याय और समानुपातिक हिस्सेदारी की माँग

Nilesh Yadav

02-07-2025 12:41 PM

राज्यपाल के हस्ताक्षर से अटका आरक्षण विधेयक, आंदोलन तेज करने की पहल

खैरागढ़। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महासभा ने एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद करते हुए सामाजिक न्याय और समानुपातिक हिस्सेदारी के लिए बड़ा कदम उठाया है। केसीजी जिला अध्यक्ष किशोर कुमार निषाद के नेतृत्व में ओबीसी महासभा ने 23 सूत्रीय विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए ठोस माँगें रखी गई हैं।

जिला अध्यक्ष किशोर कुमार निषाद ने साफ तौर से कहा अगर हमारी माँगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम के निर्देशों के अनुसार ओबीसी महासभा केसीजी बाध्य होगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिले भर से आए दो दर्जन से ज़्यादा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की वास्तविक संख्या दर्ज की जाए, जिससे अनुमानित 52% आबादी को हक़ मिल सके।

समानुपातिक आरक्षण – ओबीसी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका, मीडिया और निजी क्षेत्र तक में आरक्षण मिले।

क्रीमीलेयर और 50% आरक्षण कैपिंग खत्म करने की माँग – महासभा ने इसे समाज के लिए विघटनकारी बताते हुए असंवैधानिक करार दिया।

27% ओबीसी आरक्षण तत्काल लागू करने और पिछले 32 सालों से लंबित बैकलॉग भर्ती भरने की माँग।

मंडल कमीशन की सभी सिफ़ारिशें पूरी तरह लागू की जाएं।

27% आरक्षण को संविधान की नई अनुसूची में जोड़कर पूरे देश में समान रूप से लागू किया जाए।

ओबीसी छात्रावासों की स्थापना, बजट में आबादी के अनुपात में प्रावधान, ओबीसी विभाग की स्थापना और एट्रोसिटी एक्ट का विस्तार।

ज्ञापन में कहा गया कि शिक्षा में युक्तियुक्तीकरण की प्रक्रिया रद्द की जाए, छात्रवृत्ति में विसंगतियाँ दूर कर एससी-एसटी की तरह ओबीसी को भी बराबरी से लाभ दिया जाए। साथ ही, केंद्र और राज्य की शासकीय संस्थाओं में रिक्त बैकलॉग पदों को भरा जाए, ताकि युवाओं को रोज़गार मिले।

महासभा ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता, वनभूमि पर बसे ओबीसी परिवारों को पट्टा, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, बर्खास्त बी.एड शिक्षकों का समायोजन और मध्यान्ह भोजन रसोइयों का मानदेय बढ़ाने जैसी माँगें भी रखीं।

ओबीसी महासभा ने दो टूक कहा कि ओबीसी समुदाय देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और उन्हें सामाजिक न्याय मिलना ही चाहिए। महासभा ने चेताया कि अगर माँगें नहीं मानी गईं, तो प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशों पर पूरे राज्य में आंदोलन तेज़ किया जाएगा।

Nilesh Yadav

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